इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ कुलभूषण पंडित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लोगों के दिलों पर राज करने वाले बन गए राजकुमार
डेस्क। बॉलीवुड में अपनी दिलकश आवाज और अपने सबसे अलग अंदाज से लोगों को अपना कायल करने वाले अभिनेता राजकुमार के बारें में हम आज आपको एक किस्सा बताएंगें। अपनी शेर जैसी आवाज से लोगों को अपना दीवाना बनाने वाले सुपरस्टार राजकुमार हमारे बीच नहीं हैं। 3 जुलाई 1996 में राजकुमार इस रंगीन दुनिया से पर्दा कर सबको अलविदा कह गए थे। उनका जन्म 8 अक्टूबर 1929 को पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में हुआ था।
उनका असली नाम कुलभूषण पंडित था, लेकिन अभिनय की दुनिया ने उन्हें नया नाम दिया। कुमार फिल्मों में आने से पहले मुंबई के माहिम पुलिस थाने में बतौर सब इंस्पेक्टर काम कर रहे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर थ। एक दिन गश्त के दौरान एक सिपाही ने राजकुमार से कहा कि हजूर आप रंग-ढंग और कद काठी से हीरो दिखते हैं और अगर आप फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाएं तो लाखों दिलों पर राज कर सकते हैं। बस यही वो बात थी जिसने राजकुमार की जिंदगी बदल दी।
बता दें कि उनके थाने में फिल्म जगत के लोगों का आना-जाना लगा रहता था। एक बार निर्माता बलदेव दुबे थाने पहुंचे और वह इस दौरान सब इंस्पेक्टर कुलभूषण पंडित के बातचीत के तरीके से काफी प्रभावित हुए। उस समय निर्माता बलदेव दुबे अपनी फिल्म शाही बाजार पर काम कर रहे थे। उन्होंने सब इंस्पेक्टर कुलभूषण पंडित को फिल्मों में काम देने की पेशकश कर दी। सब इंस्पेक्टर कुलभूषण पंडित सिपाही की बात नहीं भूल पाए थे जिसके बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर निर्माता बलदेव दुबे का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
जिसके बाद सब इंस्पेक्टर कुलभूषण पंडित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लोगों के दिलों पर राज करने वाले राजकुमार बन गए। पैगाम, वक्त, नीलकमल, पाकिजा, मर्यादा, हीर रांझा और सौदागर जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय कर उन्होंने सबको बता दिया की वह हिंदी सिनेमा के राजकुमार हैं।
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