मेहरा ने सुनाया भगत सिंह का एक रोचक किस्सा, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं!
मुंबई। बॉलीवुड के प्रतिभाशाली एवं चर्चित निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा जिन्होंने रंग दे बसंती, दिल्ली 6 और भाग मिल्खा भाग जैसी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का निर्देशन किया है, उन्होंने ने अपनी फिल्म रंग दे बसंती से एक सीन के बारे में बताया जो वो अपनी फिल्म में रखना चाहते परंतु बाद में उन्होंने इस सीन को हटा दिया था। अपनी पुस्तक द स्ट्रेंजर इन मिरर के लॉन्च इवेंट के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने भगत सिंह के बारे में एक रोचक किस्सा सुनाया जो बहुत कम लोग ही जानते होगें।
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उन्होंने भगत सिंह के इस किस्से के बारे में बताते हुए कहा कि, "एक दिन भगत सिंह और उनके कुछ साथी लाहौर में एक भट्टी में छुपे हुए थे वे लोग चार दिनों से भूखे थे,इसी बीच चंद्रशेखर आजाद कई से कुछ ढाई रुपयों का इंतजाम करके लाए ताकि सब लोग खाना खा लें।
जब चंद्रशेखर भट्टी के बाहर पहुंचे तो उन्होंने अंदर से कुछ लोगों कहते सुना कि अरे मैं तो खीर खाऊंगा, नहीं मैं तो बिरयानी खाऊंगा, अरे मुझे तो दाल चावल ही खाने हैं। यह सब सुनकर चंद्रशेखर हैरान हों गए कि इतना सारा भोजन कहां से आ गया, जब वे भट्टी के अंदर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि भगत सिंह और उनके अन्य साथी खाना खाने की एक्टिंग कर रहे हैं ताकि उन्हें भूख ना लगे। यह दृश्य देखकर चंद्रशेखर की आंखो में आंसू आ गए और वह भावुक हो गए, फिर उन्होंने वो ढाई रुपए भगत सिंह को दे दिए ताकि वे और उनके साथी भोजन कर लें।
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जब भगत सिंह और उनके साथी खाना खाने के लिए एक मंडी पहुंचे तो उसी वक्त भगत सिंह वहां से भागने लगे और वे एक फिल्म के टिकटों को खरीदने लगे"। आगे बातचीत करते हुए मेहरा ने कहा कि, "इस कहानी से पता चलता है कि भगत सिंह भी हमारे जैसे कॉलेज गोइंग लड़के थे लेकिन फिर भी उन्होने देश के लिए इतनी बड़ी शहादत दी।
मैं इस सीन को फिल्म रंग दे बसंती में भी रखना चाहता था, लेकिन यह सीन मैंने फिल्म से हटा दिया था"।
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