Shakuntala Devi Movie Review: निडर और स्वतंत्र सोच की महिला की कहानी शकुंतला देवी, लेकिन अपनी पर्सनल लाइफ...
नई दिल्ली। 31 जुलाई को अमेजन प्राइम वीडियो पर विद्या बालन की फिल्म 'शकुंतला देवी' रिलीज हुई। यह फिल्म ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से मशहूर महान गणितज्ञ शकुंतला देवी की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में विद्या बालन शकुंतला देवी के किरदार में हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाली गणितज्ञ शकुंतला देवी कैलकुलेट करने की अद्भुत क्षमता रखती थी। उनके इसी क्षमता ने उन्हें ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से मशहूर कर दिया।
इस फिल्म में विद्या बालन के अलावा सान्या मल्होत्रा, अमित साध और जिस्शु सेनगुप्ता भी अहम भूमिका में है। इस फिल्म को अनु मेनन ने निर्देशित किया है। 'शकुंतला देवी' को सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स प्रोडक्शन और विक्रम मल्होत्रा ने प्रोड्यूस किया है।
कहानी
इस फिल्म की कहानी एक महिला शकुंतला की है जो बचपन से गणित की मेधावी छात्र है, वह अपनी शर्तों पर जीती है। यह कहानी उसके बचपन से शुरु होकर जवानी और फिर बुढ़ापे तक को दिखाती है। शकुंतला बचपन से ही कहती है कि वह घर की अप्पा (पिता) है क्योंकि सभी घरों के अप्पा कमाकर लाते हैं, और वह कमाती है तो इस तरह घर की अप्पा तो वही हुई। यह सीन वाकई हर महिला को गर्व से भर देने वाला है। फिल्म कर्नाटक से शुरू होकर लंदन तक पहुंचती है। यहां हर दूसरे सीन में ऐसा पल जरूर नजर आता है जब आपका दिल ताली बजाने का हो जाता है। देखते ही देखते पूरी दुनिया शकुंतला को ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से पुकारने लगती है। लेकिन एक महिला की जिंदगी इतनी आसान कहां।
शकुंतला देवी की उपल्ब्धियों के साथ यहां उनकी बेटी के साथ उनके रिश्तों को भी करीब से दिखाने की कोशिश की गई है। निर्देशक अनु मेनन बखूबी 'शकुंतला' के जीवन को मां-बेटी के रिश्ते पर फोकस भी किया है। बाकी फिल्म में और क्या-क्या ट्विस्ट हैं ये देखने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
म्यूजिक
फिल्म के सभी गाने बड़े ही मैलोडियस हैं। हर गाना कहानी के साथ घुलता मिलता सा हमारे दिल दिमाग में उतरता जाता है। मां बेटी के रिश्ते को दिखाने के लिए गाने का सहारा लेने का आइडिया भी काबिले तारीफ है।
रिव्यू
फिल्म में शंकुतला देवी एक निडर और स्वतंत्र सोच की महिला के तौर पर दिखाया गया है जिन्हें अपनी शर्तों के हिसाब से जिंदगी जीती हैं। शकुंतला देवी गणित के सवाल तो आसानी से सुलझा लेती हैं लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ पूरी तरह उलझी हुई है। फिल्म का फर्स्ट हाफ पूरी तरह से इंगेज करके रखता है जो मजेदार और एंटरटेनिंग है। विद्या बालन पूरी तरह अपने किरदार में रम गई हैं और उन्होंने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। लंदन जाने के बाद विद्या बालन का मेकओवर जबर्दस्त तरीके से फिल्माया गया। डायरेक्टर अनु मेनन ने बेहद ईमानदार तरीके से शकुंतला देवी की जिंदगी को फिल्म में दर्शाया है।
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