स्वरा भास्कर बोलीं- मैं उन्हीं किरदारों को निभाती हूं जो शायद कोई और ना करना चाहे, सुशांत मामले में कहा- हमने उन्हें दो बार मारा है
एक्ट्रेस स्वरा भास्कर हाल ही में अमेजन प्राइम पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज 'रसभरी' में नजर आईं हैं और इसे लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं। हाल ही में दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में उन्होंने इस वेब सीरीज में अपने रोल, सुशांत आत्महत्या मामले और नेपोटिज्म जैसे कई विषयों पर खुलकर बात की। साथ ही अपने किरदार से जुड़े कुछ रोचक किस्से भी साझा किए।
'रसभरी' में निभाए अपने दो किरदारों के बारे में बताते हुए स्वरा ने कहा, 'इस वेब सीरीज मैंने दो किरदार निभाए हैं जहां एक किरदार इंग्लिश स्कूल टीचर का है, वहीं दूसरा एक ऐसी आउट ऑफ कंट्रोल महिला का है, जिसका नाम 'रसभरी' है और जिसे खुद भी नहीं पता कि वह क्या और क्यों करती है।'
'इन दोनों किरदारों में जो स्विच था वह बहुत ही इंटरेस्टिंग था। जहां एक तरफ शानू सीधी-साधी दिखाई दी, वहीं दूसरी तरफ 'रसभरी' के किरदार को ऐसे निभाना था जो वल्गर ना लगे। साथ ही इस सीरीज में एक टीचर और एक स्टूडेंट के उस पवित्र रिश्ते को भी दिखाया गया है जहां रिस्पेक्ट है, केयर है और अंडरस्टैंडिंग है।'
सवाल- कई बार जवाब आप कुछ ऐसे रोल निभाती हैं जिसके लिए आपको सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाता है?
स्वरा- 'मुझे लगता है कि मैं उन्हीं किरदारों को निभाती हूं जो शायद और कोई ना करना चाहे। 'रसभरी' नाम का जो मेरा किरदार है, वो एक तो बहुत बेबाक है और दूसरा जो हमारे समाज हमारे देश की मानसिकता है उससे काफी हटकर है। मुझे हमेशा से पता था कि इस किरदार को करने के बाद मुझे सोशल मीडिया पर बहुत ट्रोल किया जाएगा।'
'मेरी फिल्म 'वीरे दी वेडिंग' के समय भी मेरे एक सीन को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा था। इस सीरीज के डायरेक्टर ने इस बात का ख्याल रखा कि स्क्रिप्ट इस तरह से हो कि यह पूरी कहानी दर्शकों को वल्गर ना लगे।'
सवाल- सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर क्या कहना चाहेंगीं?
स्वरा- 'सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहूंगी कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत बेहद ही दुखद है। मुझे लगता है कि एक कलाकार होने के नाते सुशांत को एक बहुत लंबा सफर तय करना था क्योंकि वे बहुत प्रतिभावान थे। बहुत दुख होता है जब एक ऐसा व्यक्ति जो हर पैमाने पर सक्सेसफुल है इतनी जल्दी गुजर जाए।'
'मुझे बहुत धक्का लगा सुशांत सिंह की मौत की खबर सुनकर क्योंकि मैं उनकी कहानी से बहुत रिलेट कर सकती हूं। मैं भी एक आउटसाइडर हूं, अकेली रहती हूं। लेकिन उनकी मौत से दरअसल इस चकाचौंध वाली दुनिया से पर्दा हट गया है।'
'आप चाहे बहुत सक्सेसफुल हों, 200 करोड़ की फिल्म करके बैठे हों, आपने पैसे भी बना लिए हों, आप लोगों के आइडल भी हो और अपना मुकाम बना चुके हों। बाहरी रूप से देखा जाए तो आप सफलता की टेक्स्ट बुक हैं लेकिन फिर भी डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी पकड़ सकती है।'
'मुझे लगता है कि सुशांत ने एक पर्दाफाश किया है हमारे समाज का और हमारी मानसिकता का, क्योंकि हमें पता ही नहीं है कि हमारे दिल की गहराइयों में कैसी और क्या बातें छुपी हुई हैं। जिसे हम कभी टटोल कर नहीं देखते और जिसके बारे में कभी बात भी नहीं की जाती। लेकिन डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है, क्योंकि डिप्रेशन पैसा देखकर नहीं आता, आपका ओहदा देखकर नहीं आता।'
'मैं बस यही कहना चाहूंगी कि सुशांत सिंह राजपूत को हमने दो बार मारा है। जिस तरीके से उनकी मौत के बाद लोगों ने अपने पर्सनल एजेंडा निकाले और तू-तू मैं-मैं शुरू कर दी, यह वक्त नहीं था यह सब करने का। मेरे ख्याल से यह वक्त था सुशांत को याद करने का, सुशांत को सेलिब्रेट करने का और हमने इस शोरगुल में वो मौका खो दिया है।'
'बहुत ही इनसेंसेटिव तरीके से इस मैटर को हैंडल किया गया है और सब उनकी मौत पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। हमने सुशांत की मौत में भी उनको अकेला नहीं छोड़ा।'
सवाल- सुशांत की मौत के बाद करण जौहर को बहुत ट्रोल किया जा रहा है। आप भी एक आउटसाइडर रही हैं, आप इस पर क्या कहना चाहेंगी?
स्वरा- 'बॉलीवुड में मुझसे बड़ा आउटसाइडर नहीं है क्योंकि मैंने वो हरकतें की हैं जो कोई स्टार नहीं करता। कभी पॉलिटिक्स के बारे में बोल दिया, कभी सामाजिक मुद्दों के बारे में बोल दिया, पंगे ले लिए यहां-वहां, हम सभी जानते हैं कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म एग्जिस्ट करता है। जिस किस्म का लॉन्च आलिया भट्ट, सोनाक्षी सिन्हा और सोनम कपूर को मिला है, उस किस्म का लॉन्च मुझे नहीं मिला।'
'जिस मुकाम पर वे लोग 1 साल में पहुंच जाते हैं, वहां पहुंचने में मुझे 10 साल लगते हैं, लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं है कि करण जौहर, आलिया भट्ट या सोनम कपूर, सुशांत सिंह राजपूत के कातिल हैं? किसी बेवकूफी भरे चैट शो में किसी मजाकिया बात को सुनकर सुशांत ने अपनी जान ले ली। यह सब सरासर बकवास है। ना आप डिप्रेशन को समझ पा रहे हैं, ना आप सुशांत के दुख की गंभीरता को समझ पा रहे हैं।'
'बॉलीवुड चाहे लाख बुरी हो लेकिन इस इंडस्ट्री की ये खासियत है कि टैलेंट छुपता नहीं है यहां और इसका सबसे बड़ा प्रमाण है अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा, इरफान खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राजकुमार राव, ऋचा चड्ढा, हुमा कुरैशी और मैं, हम सभी आउटसाइडर हैं लेकिन सबने इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है।'
'मुझे लगता है कि आखिर में जनता ही तो स्टार किड्स को बढ़ावा देती है। धड़क, स्टूडेंट ऑफ द ईयर और हीरोपंती जैसी फिल्मों को देखने दर्शक थिएटर में पहुंचते हैं, लेकिन हमारी फिल्में घर पर डाउनलोड करके देखी जाती हैं। राजकुमार राव की फिल्म ट्रैप, ऋचा चड्डा कि 'आर्टिकल 375' इन फिल्मों को देखने के लिए लोग सिनेमाघरों में क्यों नहीं आते?
सवाल- जब कभी आपकी फिल्म फ्लॉप होती है या आप बहुत लो फील करती हैं तो अपने आप को उस माहौल से उबारने के लिए क्या करती हैं?
स्वरा- 'मैं बस यही कहना चाहूंगी कि चकाचौंध की दुनिया कितनी खोखली है यह तो हमें सुशांत की मौत के बाद पता चल ही गया है और उनकी मौत के बाद ये भी साबित हुआ है कि कामयाबी, पैसा, शोहरत, 200 करोड़ की फिल्में, टॉप प्रोड्यूसर के साथ काम और खुशी का कोई लेना-देना नहीं है।'
'मैं बॉलीवुड को दुनिया का एक बहुत छोटा हिस्सा मानती हूं और उसके अलावा भी मेरी जिंदगी में कई सारे पहलू और कई सारे काम हैं, जो मुझे करने हैं। इसीलिए मैं दोनों चीजों को बैलेंस करने की कोशिश करती हूं। मेरा परिवार और मेरे दोस्त, मेरी जिंदगी में हमेशा रहते हैं और किसी तरह की कोई नेगेटिविटी मेरे आस-पास आने नहीं देते।'
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2C1bWhP
via IFTTT
Post a Comment
0 Comments