अपनी बहादुरी के लिए मशहूर है 'कटप्पा' की बेटी दिव्या, ख़ूबसूरती से एक्ट्रेसेस को भी देती है मात
बाहुबली फिल्म ने सिनेमा जगत में अब तक आई सभी फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। ये फिल्म सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब चली थी। इस फिल्म में दिखाई देने वाले सभी किरदार लोगो की जुबान पर चढ़ गए थे। आलम ये था कि इस फिल्म के हिट होने के बाद सभी कलाकारों ने अपने दाम दुगुने कर दिए। ये फिल्म दो पार्ट में रिलीज हुई थी। फिल्म के पहले पार्ट के ख़त्म होते ही एक किरदार बहुत पॉपुलर हुआ था। ये किरदार हैं कटप्पा… उनका असली नाम सत्यराज है लेकिन फिल्म आने के बाद से सब उन्हें कटप्पा के नाम से ही जानते हैं। वे अबतक 200 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सत्यराज तो रील लाइफ में हीरो हैं लेकिन उनकी बेटी दिव्या रियल लाइफ हीरो है। दिव्या ने जो काम किया है उससे साबित हो गया है कि वो वाकई अपने पिता की तरह ही निडर हैं। दिव्या पेशे से एक न्यूट्रीशियनिस्ट हैं और ये दवाई कंपनियां दिव्या पर जोर डाल रहीं थीं कि वो उनकी दवाईयों को लोगों को दें, लेकिन जब दिव्या ने देखा कि उन दवाइयों में कुछ ऐसी चीजें हैं जिससे लोग अंधेपन का शिकार हो सकते हैं और मौत तक हो सकती है, तो उन्होंने उन दवाईयों को लोगों को देने से मना कर दिया। दिव्या ने जब फार्मा कंपनियों की बात नहीं मानी तो उन्होंने दबाव बनाने के लिए पॉलिटिकल पावर का भी इस्तेमाल किया। यहां तक कि उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिलीं लेकिन बावजूद इसके दिव्या अपने फैसले से टस से मस नहीं हुईं। बाद में उन्होंने सत्याराज की बेटी दिव्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने उनसे कुछ दवाई कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेने की भी अपील की है।
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बता दें, पेशे से न्यूट्रीशनिस्ट दिव्या लोगों की सेहत का ख्याल रखने के लिए काम करती हैं। उन्होंने इसी सब्जेक्ट में एम.फिल. भी किया है। अभी वो इसमें PHD भी कर रही हैं और फूड एंड न्यूट्रिशन सब्जेक्ट पर एक किताब भी लिख रही हैं।
आपको बता दें कि सत्यराज ने करियर की शुरुआत नेगेटिव किरदारों से की। हालांकि बाद में उन्होंने एक्शन, ड्रामा से लेकर कॉमेडी फिल्मों में भी काम किया। लेकिन सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी उन्हें कटप्पा का किरदार निभाकर मिली। 2015 में दिए एक इंटरव्यू में सत्यराज ने बताया था, "24 की उम्र में लोक कथाओं पर आधारित फिल्म करने की चाहत को 60 की उम्र में राजामौली (बाहुबली के डायरेक्टर) ने पूरी की। जब रजनीकांत 35 साल के थे, तब मैंने उनके पिता का किरदार निभाया था। उस वक्त मैं 31 का था। मैंने कभी उम्र की परवाह नहीं की। यह मेरे लिए कभी मायने नहीं रखती।" आपको जानकर हैरानी होगी कि शाहरुख की 'चेन्नई एक्सप्रेस' में सत्यराज ने दीपिका के पिता का किरदार निभाया था।
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