Responsive Ad

टेलीविजन और फिल्म के बीच क्वालिटी और क्वांटिटी का फर्क है: प्रियांशु सिंह

मुंबई। एक्टर प्रियांशु सिंह जो टेलीविजन दुनिया के जाना माना चेहरा है, उन्होंने फिल्म 14 फेरे के साथ अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है। उनका मानना है टेलीविजन और फिल्म के बीच क्वालिटी और क्वांटिटी का फर्क है। प्रियांशु को उनके टीवी शो तेरे शहर में, निमकी मुखिया, नीली छतरी वाले और मैडम सर के लिए जाना जाता है, उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू फिल्म 14 फेरे से किया जिसमे वह विक्रांत मेस्सी और कृति खरबंदा के साथ नजर आये। 

ये खबर भी पढ़े: यहां छिपा है राजा दशरथ का खजाना, त्रेतायुग में यहां से भी चलता था राजपाट!

 टेलीविज़न की दुनिया और सिने जगत के लिए अपने ट्रांजीशन के बारे में बात करते हुए प्रियांशु ने कहा,"हर कोई बॉलीवुड में काम करना चाहता है, एक्चुअली अगर बात करे तो सिर्फ तीन फील्ड है जहाँ हर कोई एंटर करना चाहता है, पॉलिटिक्स, एक्टिंग और स्पोर्ट्स। मैं पिछले 8 साल से टेलीविजन में काम कर रहा हूँ लेकिन हमेशा से ही फिल्मों में काम करने का सपना देखा हैं। कास्टिंग डायरेक्टर को हमेशा मेरा काम पसंद आता था और वह मुझे बड़े रोल के लिए बुलाने का वादा भी करते थे लेकिन कभी कुछ बात बन नहीं पायी। फिर मेरी  कास्टिंग डायरेक्टर नितेश मिश्रा से मुलाकात हुई और उन्होंने मुझे इस रोल को दिलाने में मदद की। 

 प्रियांशु ने आगे कहा सिने जगत के लोगों को टेलीविज़न एक्टर्स को लेकर पहले से ही काफी अलग सोच होती है। 

उन्होंने बताया, "मैंने एक फिल्म के लिए ऑडिशन दिया  था लेकिन जब उस फिल्म के डायरेक्टर को मालूम पड़ा कि मैं टेलीविज़न से हूँ, तो मुझे वह पार्ट नहीं मिला। बहुत से लोगों को लगता है कि टेलीविज़न एक्टर्स अच्छे नहीं होते, वह लाउड परफॉर्मर्स होते है और टीवी एक्टर्स को लेकर काफी मिथ और स्टीरियो टाइप बातें दिमाग में रखी हुई है। लेकिन अभी हाल ही में मैंने 14 फेरे के लिए ऑडिशन दिया और मुझे मेरा डेब्यू रोल मिल गया। “

ये खबर भी पढ़े: काशी के इस चमत्कारिक मंदिर में मिलती है गंभीर बीमारी और अन्य संकटों से मुक्ति, अकाल मृत्यु से बचाव के लिए होता है जप

 टेलीविज़न और सिने जगत के बीच के डिफरेंस पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे लगता है यह फर्क  क्वालिटी और क्वांटिटी का है। टेलीविजन में क्वांटिटी बहुत ज्यादा होती है इस वजह से क्वालिटी गिर जाती है। फिल्म में काम करने का बहुत बड़ा फायदा होता है। फिल्म में काम करने वालों को क्वांटिटी के बारे में सोचना नहीं होता। उनके पास काफी टाइम और रिसोर्सेज होते है एक क्वालिटी प्रोडक्ट बनाने के लिए। अगर टेलीविजन के लोगों को उतना समय, रिसोर्सेज और बैकिंग दी जाए, मुझे पूरा यकीन है वह भी क्वालिटी प्रोडक्ट बनाएंगे। “

"फिल्मों का लेवल ऊपर है और मैं और फिल्में करना चाहता हूँ लेकिन मुझे टेलीविज़न करने से कोई परहेज नहीं है क्यूंकि टेलीविज़न ने ही मुझे सब कुछ दिया है। "प्रियांशु ने कहा 

अपने को एक्टर विक्रांत मेस्सी की तारीफ करते हुए प्रियांशु ने कहा, "विक्रांत ने मुझे मैसेज किया था कि मैं एक बहुत ही सुन्दर एक्टर हूँ और मैं उनको इंस्पायर करता हूँ। मैं आपको बता रहा हूँ, वह मैसेज मैं हमेशा के लिए सेव करके रखूँगा। मेरे लिए विक्रांत का मैसेज फिल्म के लिए जो पैसा मुझे मिला है उस से बढ़कर है। विक्रांत का दिल सोने का है और वह एक कमाल के एक्टर है। "

Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप



from Sanjeevanitoday https://ift.tt/3A1yYhe
via IFTTT

Post a Comment

0 Comments