मंदिर के बाहर जन्मी थीं ललिता पवार, एक थप्पड़ ने बदल डाली एक्ट्रेस की पूरी जिंदगी
नई दिल्ली। अभिनेत्री ललिता पवार हिंदी सिनेमा जगत के 40 की दशक की मोस्ट पॉपुलर एक्ट्रेसेस में से एक हैं। उनका जन्म 18 अप्रैल 1961 में हुआ था। ललिता पवार ने बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे तक पर काम किया है। एक वक्त ऐसा था जब ललिता पवार अपने दिलकश अंदाज के लिए भी जानी जाती थी, लेकिन एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी बदल कर रख दी। चलिए आज आपको ललिता पवार से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बतातें हैं।
मंदिर के बाहर हुआ एक्ट्रेस का जन्म
ललिता पवार का जन्म 18 अप्रैल 1916 को हुआ था। खास बात ये है कि उनका जन्म किसी अस्पताल में नहीं बल्कि इंदौर के अंबा मंदिर में हुआ था। बताया जाता है कि जब ललिता का जन्म होने वाला था। तब उनकी मां लोगों के कहने पर मंदिर चली गई थीं। जैसे ही वो मंदिर पहुंची उनके पेट में दर्द हुआ और मंदिर में ही उन्होंने अपनी बेटी ललिता को जन्म दे दिया। मंदिर में जन्मी अपनी बच्ची का नाम उन्होंने अंबिका रखा, लेकिन कुछ समय बाद उनका नाम ललिता पवार रख दिया गया। ललिता के पिता कोंट्रेक्टर थे। उन्हें लड़कियों का पढ़ाई करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था, इसलिए उन्होंने उन्हें पढ़ाया नहीं।
चाइल्ड आर्टिस्ट से शुरू किया फिल्मी करियर
ललिता पवार ने अपना एक्टिंग करियर बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरू किया था। बताया जाता है कि एक बार ललिता पवार एक बार अपने परिवार वालों के साथ फिल्म की शूटिंग देखने के गए थे। जहां निर्देशक की नज़र उन पर पड़ी और उन्होंने तुंरत ललिता पवार को अपनी फिल्म के लिए सिलेक्ट कर लिया। पहले तो ललिता पवार के पिता को उनके काम करने से दिक्कत थी, लेकिन बाद में निर्देशक ने उन्हें खूब मनाया। जिसके बाद ललिता पवार के पिता ने उन्हें काम करने के लिए हां कह दिया।
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हादसे ने बदली पूरी जिंदगी
ललिता पवार ने हिंदी सिनेमा जगत में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। कुछ समय बाद ही ललिता पवार ने इंडस्ट्री में अपना नाम बना लिया। ललिता पवार का करियर बहुत अच्छा चल रहा था। दरअसल, 1947 में ललिता पवार जंग-ए-आजादी की शूटिंग कर रही थी। इस फिल्म में वो भगवान दादा संग काम कर रही थीं। सीन शूट करते हुए दादा को ललिता पवार को एक थप्पड़ जड़ना था। सीन के दौरान भगवान दादा ने ललिता पवार को इतनी जोरदार तमाचा जड़ा कि वो जमीन पर गिर गईं।
दवाई के चलते दाहिने आंख हुईं खराब
ललिता पवार को जमीन पर गिरते देख पूरा फिल्म की यूनिट डर गई। सेट पर डॉक्टर को बुलाया गाय। डॉक्टर ने उन्हें दवाई दी। बताया जाता है कि डॉक्टर ने जो दवाई दी थी। वो उन पर उल्टा असर करने लगी। धीरे-धीरे उनका दाहिना हिस्सा लकवा मार गया। समय के साथ ललिता पवार ठीक हो गईं लेकिन उनकी दाहिनी आंख सिकुड़ गईं। जिसके बाद से उन्हें फिल्मों में एक्ट्रेस का रोल मिलना ही बंद हो गया।
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मंथरा के किरदार से हुईं पॉपुलर
ललिता पवार की आंख खराब होने का असर उनके करियर पर साफ देखने को मिला। जिसके बाद से वो खूबसूरत हीरोइन से क्रूर सास बन गई। ललिता पवार को फिल्मों में नेगेटिव किरदार मिलने लगे। जिसमें चलाक सास, विलेन के रोल में देखा जाने लगा। फिर उन्हें मशहूर निर्देशक रामानंद सागर ने अपने सीरियल रामायण में मंथरा का रोल ऑफर किया। जिसके बाद टीवी पर उनका जलवा देखने को मिला। आज भी ललिता पवार को मंथरा के रोल में सबसे बेस्ट माना जाता है।
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