मां की मौत के बाद उनकी आवाज सुनकर घंटों रोए थे संजय दत्त
नई दिल्ली। बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री नरगिस की आज 92वां बर्थ एनिवर्सरी है। नरगिस बॉलीवुड की पहली महिला म्यूजिक डायरेक्टर जद्दनबाई की बेटी हैं। उनका जन्म 1 जून, 1929 को कोलकाता में हुआ। एक्ट्रेस ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर की थी। उन्होंने फिल्म तलाश-ए-हक से किया था। इसके बाद साल 1949 में उन्होंने फिल्म अंदाज से लीड एक्ट्रेस के तौर पर डेब्यू किया। नरगिस ने सुनील दत्त से साल 1958 में शादी कर ली थी। नरगिस अपने परिवार के प्रति पूरी तरह समर्पित थीं। अपने बेटे संजय दत्त से वह बहुत प्यार करती थीं। यही वजह थी कि उन्होंने उनके ड्रग्स की लत को सुनील दत्त से छिपाए रखा।
संजय दत्त को थी ड्रग्स की लत
ऐसा कहा जाता है कि जब संजय दत्त बोर्डिंग स्कूल गए थे तभी से उन्हें उनकी ड्रग्स की लत के बारे में पता लग चुका था। लेकिन मां तो मां होती है। वो संजय दत्त को हमेशा समझाती रहती थीं लेकिन इस बारे में सुनील दत्त को नहीं बताया। संजय दत्त पूरी तरह से ड्रग्स के आगोश में समां चुके थे। इतना ही नहीं, अपनी मां नरगिस की मौत के वक्त भी वह इस लत का शिकार थे। लेकिन मां की मौत के बाद उनके एक मैसेज ने संजय दत्त की ड्रग्स की लत छुड़ाया दी थी।
मां की मौत के बाद बिल्कुल नहीं रोए
साल 1981 में नरगिस दत्त ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उस वक्त उनकी उम्र 51 साल की थी। उनकी मौत कैंसर के चलते हुई थी। जब वह अस्पताल में भर्ती थीं तो सुनील दत्त उनकी आवाज रिकॉर्ड किया करते थे। एक इंटरव्यू में संजय दत्त ने बताया था कि मां की मौत के बाद वो बिल्कुल नहीं रोए थे। लेकिन एक दिन मां की आवाज सुनकर वह घंटों तक रोए थे। दरअसल, खबरों के मुताबिक, ड्रग्स की लत छुड़वाने के लिए संजय दत्त को अमेरिका के ड्रग्स रिहैब भेजा गया था। इस रिहैब में संजय अपने दोस्तों के साथ एक ग्रुप में बैठे हुए थे। तभी किसी ने अचानक नरगिस का एक रिकॉर्डेड मैसेज प्ले कर दिया। इस मैसेज को नरगिस ने संजय दत्त के लिए रिकॉर्ड किया था।
नरगिस का मैसेज
इस रिकॉर्ड में नरगिस संजय से कहती हैं, 'संजू किसी भी चीज से बढ़कर अपनी विनम्रता को रखना। अपने चरित्र को साफ रखना। कभी शो ऑफ मत करना। नम्र रहना और हमेशा बड़ों का सम्मान करना। ये वो चीजें हैं, जो तुम्हे आगे लेकर जाएंगी और तुम्हे काम करने की ताकत देंगी।' एक इंटरव्यू में संजय दत्त ने बताया था कि मां की आवाज सुनी तो वह घंटों तक रोए। उन्होंने कहा, "मां के मरने के दो साल बाद ये सुनकर मैं चार-पांच घंटे रोया। जब मेरी आंखों से आंसू रुके तो मैं बदला हुआ था।"
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