Responsive Ad

नीना गुप्ता बोलीं- 'बधाई हो' ने मेरी जिंदगी बदल दी, अब मसाबा की मां बनने की उम्र है मैं बच्‍चे कहां से पैदा करूं

नीना ने ‘बधाई हो’ से अपनी दूसरी पारी की दमदार शुरूआत की है। वे एक बार फिर से अपने पहले प्‍यार यानी फिल्‍मों को पूरा वक्‍त दे रहीं हैं। इन दिनों वे अपनी फिल्म 'मसाबा-मसाबा' को लेकर चर्चा में है, जो कि एक प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है। ये फिल्म उनकी और उनकी बेटी मसाबा की स्टोरी पर बेस्ड है। इस मौके पर उन्‍होंने अपनी जिंदगी की कुछ दिलचस्‍प यादें भास्कर के साथ शेयर कीं।

दोबारा प्‍यार के बंधन में कैसे बंधी?

नीना- हम प्‍लेन में मिले थे। मैं लंदन से मुंबई आ रही थी। प्‍लेन दिल्‍ली होते हुए मुंबई आ रही थी। वो दिल्‍ली बेस्‍ड हैं। वहीं से उन्‍हेांने सेम फ्लाइट मुंबई के लिए ली। ये किस्‍मत की ही बात थी। तभी मैं किस्‍मत में काफी यकीन करती हूं। वो पीछे वाली सीट पर थे। मेरी बगल में एक लेडी थी। लेडी ने उनसे सीट एक्‍सचेंज की। वो मेरे बगल में आ बैठे।

वो दिन है और आज का दिन है, वो हमेशा मुझे सुनाते रहते हैं, 'तूने मुझे फंसाया।' उस पर मैं उनसे कहती हूं कि 'मैंने कहां फंसाया, तुमने ऐसा किया।' हालांकि अब मैं नहीं लड़ती। कह देती हूं, 'हां फंसाया। तुम दुखी हो तो जाओ, तुम सुखी हो तो रहो।' ऐसी मीठी नोंकझोंक होती रहती है।

‘बधाई हो’ में आपके किरदार ने गुड न्‍यूज दी थी। असल जिंदगी में भी ऐसा कोई प्‍लान?

नीना- अरे नहीं। अब मसाबा के बच्‍चे पैदा करने का टाइम आ रहा है। मैं कहां से बच्‍चे पैदा करूं?

क्‍या कभी आप भी ऑडिशंस में रिजेक्‍ट हुईं हैं हाल फिलहाल में?

नीना- जी हां। सच कहूं तो ज्‍यादातर ऑडिशनों में मैं फेल हो जाती हूं। ‘बधाई हो’ के लिए मैंने ऑडिशन नहीं दिया था। बहुत सी फिल्‍मों का खासकर फॉरेन प्रोडक्‍शंस में जब कभी ऑडिशन देती रही, उनमें नहीं होता रहा। पता नहीं ऐसा क्‍यों रहा? अब क्‍या ही बोलूं, जिसे कास्‍ट करना होगा करेगा। बाकी लोगों ने मेरी एक्टिंग तो देख ही ली है। शक्‍ल सोशल मीडिया पर देख ही लेते हैं। और क्‍या देखना है?

‘जाने भी दो यारो’ इतनी बड़ी हिट रहेगी कोई अंदाजा था?

नीना- 'ना-ना। कतई नहीं। वो तो बड़ी गरीबी में बनी हुई फिल्‍म थी। किसी के पास पैसा नहीं था तब। ऑटो रिक्‍शा पकड़कर शूट करने जाती थी। अपना खाना बनाकर ले जाती थी। कन्वेंस के पैसे भी नहीं होते थे। एनडीएफसी की फिल्‍म थी। काफी कम बजट था। तब मैं न्‍यूकमर थी। फिर भी पहली ही फिल्‍म में कमाल के एक्‍टर्स के साथ काम करने को मिला। आज जब देखती हूं तो पाती हूं कि हमने कभी ऐसा एक्‍सपेक्‍ट नहीं किया था।'

किस फिल्‍म ने दोबारा से जिंदगी बदलकर रख दी?

नीना- 'बधाई हो' उस फिल्‍म ने मेरी इमेज बदलकर रख दी। उससे पहले मेकर्स मेरे बारे में सोच ही नहीं पाते थे। वो इसलिए कि मीडिया ने मेरी इमेज ही कुछ ऐसी बना दी थी। इमेज के हिसाब से ही रोल मिलते थे। पहले काम मांगने में झिझक होती थी। अब पूरे आत्‍मविश्‍वास के सा‍थ काम मांगती हूं।

मैं तो अमित शर्मा से बोला करती हूं कि वो जो बोलेंगे, वो करूंगी। जूते तक साफ कर लिया करूंगी। कुछ भी कर लिया करूंगी, क्‍योंकि उस इंसान ने मेरी जिंदगी बदल दी। वो बेचारे हालांकि नीना मैम, नीना मैम करते रहते हैं। उस इंसान के लिए मेरे मन में इतनी कृतज्ञता है कि क्‍या कहूं, इसलिए भी उस फिल्‍म से मुझे बहुत प्‍यार है। मेरे ख्‍याल से वो मेरे करियर की सबसे बेहतरीन की गई और देखी हुई फिल्‍म है।'



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Now is the age to become a mother of Masaba, where can I produce children: Nina Gupta


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2ZnBqhV
via IFTTT

Post a Comment

0 Comments