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रविवार को टोटल लॉकडाउन के बीच बैंकों व पंचायतों में हुई फसल बीमा की प्रक्रिया

खिरकिया. किसानों की खराब फसलों का बीमा कराने के लिए विभागीय अधिकारी कर्मचारी रविवार को अवकाश के बावजूद पंचायतों में कार्य करते रहे। किसानों की परेशानियों को कम करने के लिए पंचायत मुख्यालय पर ही फसल बीमा के आवेदन स्वीकार किए गए। वहीं उनकी प्रक्रियाएं पूर्ण की। पंचायतों के अलावा रविवार को नगर की सभी राष्ट्रीयकृत व सहकारी बैंकों की शाखाएं भी खुली रही। खसरा नकल निकालने सहित फसल बीमा संबंधी कार्यों के लिए ऑनलाइन व कियोस्क शाखाओं को खोलने की अनुमति प्रशासन द्वारा की गई। जानकारी के अनुसार खरीफ वर्ष 2020 के अंतर्गत फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित है। ऐसे में प्रक्रिया की जानकारी के अभाव में हजारों किसानों ने फसल बीमा नहीं कराया, लेकिन अब तिथि नजदीक है, तो किसान चिंतित होकर अपनी फसलों का बीमा करा रहे हैं, ताकि उन्हें अपने नुकसान की कुछ राहत राशि मिल सके। इसके चलते जहां रविवार को टोटल लॉकडाउन के बीच बैंकों एवं पंचायत मुख्यालयों पर किसानों की भीड़ लगी रही। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऋणी, अऋणी तथा कालातीत ऋण खाता धारक किसानों के बीमा प्रीमियम की राशि जमा करने के लिए बैंकों को सुबह 10.30 से 5.30 बजे तक खुला रखा गया। इसमें सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, निजी बैंक, जिला सहकारी बैंक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाामिल रही।
पंचायत सचिव, पटवारी व अधिकारियों ने कराई प्रक्रिया पूर्ण-
फसल बीमा की समूची प्रक्रिया बैंकों में ही पूर्ण की जानी है, लेकिन किसानों की सुहुलियत के लिए शासन प्रशासन द्वारा व्यवस्था बनाते हुए पंचायत स्तर पर ही प्रक्रिया पूर्ण कराई गई। रविवार को पंचायतों में फसल बीमा का दरबार सा लग गया। 31 अगस्त दोपहर 12 बजे तक पंचायतों में फसल बीमा का कार्य किया जाएगा। जहां कृषकों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद विभागीय अधिकारियों द्वारा इन्हें संबंधित बैंकों को सौंपे जाएंगे। शनिवार को बारिश के चलते कार्य प्रभावित हुआ, लेकिन रविवार को कार्य में गति रही। पंचायत सचिव, हल्का पटवारी, कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों के आवेदन लेकर उनकी प्रक्रिया पूर्ण कराई गई। कृषि मंत्री कमल पटेल के आदेश के बाद यह व्यवस्था बनाई गई। रविवार को भी व्यवस्था चालू रखने से अधिक से अधिक किसान फसल बीमा का लाभ ले सकेंगे। रविवार को फसल बीमा के कार्यों का एसडीएम श्यामेन्द्र जायसवाल ने निरीक्षण किया।
बैंकों ने डिफाल्टर किसानों के फार्म लेने से किया इंकार-
रविवार को किसानों का फसल बीमा करने के लिए बैंकें खुली तो रही, लेकिन कुछ बैंकों ने डिफाल्टर किसानों के फार्म लेने से इंकार कर दिया, जबकि अऋणी फसल बीमा के तहत डिफाल्टर किसानों का भी फसल बीमा किया जाना है। इसके लिए अधिकारियों से बात करने की बात भी किसानों द्वारा कही गई, लेकिन उनके द्वारा फार्म स्वीकार नहीं किए गए।
ऑनलाइन दुकानों को दी खुली रखने की छूट-
फसल बीमा योजना कार्य के लिए कृषकों सुविधा के लिए रविवार को ऑनलाइन खसरा खतौनी की नकल प्रदान करने के कारण दुकान खुली रखने की छूट रही। हालांकि आदेश की जानकारी नहीं होने से कई दुकानें बंद रही। इन सेंटर से कृषकों को सिर्फ नकल ही प्रदान किए जाने की अनुमति दी गई, जबकि अन्य दूसरे कार्यों केा प्रतिबंधित रखा गया।
इनका कहना
अऋणी व डिफाल्टर सभी किसानों का फसल बीमा किया जाएगा। कम समय में अधिक से अधिक किसान फसल बीमा का लाभ ले सके, इसीलिए रविवार को बैंकों को खोला गया। पंचायतों में फसल बीमा की व्यवस्था बनाई गई है। 31 अगस्त तक फसल बीमा की प्रक्रिया ं पंचायत स्तर व बैंकों में जारी रहेगी।
कमल पटेल, कृषि मंत्री, मप्र शासन
खोट बटाई वाले किसानों को लगाना पड़ा कचहरी व पंचायत के चक्कर
मसनगांव. जिले में सोयाबीन की फसल खराब होने के बाद बैंकों में फसलों का बीमा कराने के लिए रविवार को भी किसानो की भीड़ लगी रही। शासन के निर्देशानुसार जिन किसानों के केसीसी नहीं हैं उन्हें भी फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने के लिए की जा रही प्रक्रिया को पूर्ण कराने में शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई। शिक्षकों तथा सरपंच, सचिव, सहायक सचिव ने किसानों के घर घर जाकर बीमा कराने की सलाह दी। हालांकि जिन किसानों के केसीसी बने हुए है उनका बीमा तो बैंक के माध्यम से हो चुका है, लेकिन जो किसान खोट बटाई कर खेती कर रहे है उन्हें अपनी फसल का बीमा कराने के लिए कचहरी, पंचायत तथा बैंक में जाना पड़ा। 31 अगस्त को अंतिम तारीख होने के कारण रविवार को कलेक्टर के आदेश पर सभी बैंक खुले रहे। यहां पर सुबह 10 बजे से ही किसानों की भीड़ लगना शुरू हो गई। किसानों को खोट बटाई के कागज बनाने पहले तहसील ऑफिस जाना पड़ा इसके पश्चात पटवारी तथा सचिव एवं सरपंच से प्रमाणित कराने के बाद बैंक में जाकर बीमे के कागज जमा हुए। कई किसानों के खातों में राशि नहीं होने से उन्होंने पहले नगर राशि की व्यवस्था कर अपने खाते में जमा करानी पड़ी। इसके पश्चात फसल का बीमा कराया।
तीन माह पुराने खोटनामे पर ही मिलेगा बीमा का लाभ -
जिन किसानों द्वारा खोट पर की जा रही है, उनके बीमे पर असमंजस की स्थिती बनी हुई है। बताया जाता है कि जिन किसानों के पास तीन माह पुराना खोट नामा लिखा हुआ है उन्हीं की फसलों का बीमा बैंकों द्वारा किया जाएगा। जिन किसानों ने तुरंत में खोट नामा तैयार कराया है उन्हें फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इस संबंध में बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक जितेश पांडे ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें यह जानकारी दी गई कि 3 माह पुराने खोटा नामे पर ही बीमा कराने की पात्रता होगी।
बैंक शाखाओं मेंं किसानों की भीड़ लगने से नहीं हुआ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
बालागांव. किसानों की फसल का बीमा करने के लिए रविवार को बैंक खुली रहीं। ऐसे में ग्रामीण अंचल में संचालित बैंकों के सामने दर्जनों किसानों की भीड़ लग गई। इसमें ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ और न ही किसानों ने मास्क लगाया। इससे संक्रमण फैलने का अंदेशा बना रहा। प्रशासन द्वारा 10.30 से 5.30 बजे तक ग्राम पंचायत खुली रहने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन पंचायत सचिव 1.30 बजे पंचायत पहुंचे। इससे पहले दर्जनों कृषक घंटों सचिवों की राह देखते हुए घर लौट गए। इससे पूर्व ग्राम विस्तार अधिकारी कृषि विभाग के एके यादव ने ग्राम पंचायत में निरीक्षण किया। उन्होंने सचिव एवं रोजगार सहायक को नदारद पाया। सचिव रेवाराम शर्मा ने बताया कि रविवार को 25 से अधिक कृषकों के फार्म भरे गए।
बैंकों में दिन भर लगी रही किसानों की भीड़
सिराली. तहसील की सभी बैंक रविवार को खुली रही। जहां किसानों के बीमा संबंधित फार्म जमा किए गए। सुबह से शाम तक बैंकों में किसानों की भीड़ लगी रही। शाम 5 बजे के बाद बैंकों ने फार्म लेना बंद कर दिया। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हुआ। इससे कोरोना वायरस फैलने का अंदेशा बना रहा।
72 कृषकों के जमा किए फसल बीमा आवेदन
टेमागांव। ग्राम भादूगांव में ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इसमें खरीफ फसल बीमा के लिए 72 कृषकों के आवेदन फॉर्म भरकर बैंक भेजने की कार्रवाई की गई। जिन किसानों के क्रेडिट कार्ड नहीं थे। उनके भी फॉर्म भेजे गए। इस दौरान सरपंच दुर्गाबाई उइके, मुकेश गौर, पटवारी भगवानदास भाटी, सचिव सुनील शुक्ला, सहायक रोजगार राजेंद्र वर्मा सहित किसान उपस्थित थे।



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