कैंसर से जिंदगी की रेस हार गए इरफान खान, लेकिन दर्शकों के दिलों में सदैव रहेंगे जीवित
नई दिल्ली । बॉलीवुड में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले अभिनेता इरफान खान आज इस दुनिया को अलविदा कह गए। इरफान खान का जन्म 3 जनवरी, 1967 को जयपुर में हुआ था। उनके पिता यासीन एक कारोबारी थे। इरफान ने अपनी उच्च शिक्षा के दौरान 'नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा' में दाखिला के लिए फार्म भरा, जहां इरफान का चयन हुआ और यहां से पढ़ाई करने के बाद इरफान ने मुंबई का रुख किया और अपना करियर बनाने के लिए संघर्ष करने लगे। साल 1985 में इरफान ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा।
उन्होंने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक 'श्रीकांत' से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इरफान ने कई मशहूर धारावहिकों में काम किया, जिसमें भारत एक खोज, चाणक्य, चंद्रकांता, बनेगी अपनी बात आदि थे। इसके अलावा इरफान ने कई टेलीविजन शो भी होस्ट किये, जिसमें क्या कहें, मानो ना मानो, डॉन शामिल हैं। साल 1988 में आई फिल्म 'सलाम बॉम्बे' में छोटी सी भूमिका निभाकर उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
शुरुआत में फिल्मों में छोटे-छोटे रोल मिलने के बावजूद इरफान ने कभी भी उसे करने से मना नहीं किया और अपने शानदार अभिनय का लोहा बॉलीवुड में भी मनवाया। साल 2001 में आई फिल्म 'द वारियर' से इरफान को पहचान मिली। इस फिल्म का निर्देशन ब्रिटिश फिल्ममेकर आसिफ कपड़ियां ने किया था। इस फिल्म के बाद साल 2004 में आई 'हासिल' में इरफान को एक नेगेटिव किरदार में देखा गया था और इस किरदार को भी इन्होंने बखूबी से निभाया था। साल 2005 में इरफान खान को बतौर लीड रोल अपनी पहली फिल्म मिली थी और इस फिल्म का नाम 'रोग'था। हालांकि यह फिल्म कामयाब नहीं रही,लेकिन इरफान के अभिनय को हर किसी ने पसंद किया। इसके बाद इरफान ने कई हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों में अहम भूमिकाएं निभाई और अपने शानदार अभिनय से फिल्म में अपने किरदार को जीवंत बनाया ।
इरफान खान की प्रमुख फिल्में
लाइफ इन अ मेट्रो, एसिड फैक्ट्री, न्यूयॉर्क, पान सिंह तोमर, हैदर, पीकू, तलवार, जज्बा, हिंदी मीडियम, द नेमसेक, स्लमडॉग मिलियनेयर, लाइफ ऑफ पाई, द अमेजिंग स्पाइडर मैन, जुरासिक वर्ल्ड, मदारी, अंग्रेजी मीडियम आदि शामिल हैं।
इरफान खान को मिलने वाले महत्वपूर्ण पुरस्कार
इरफान खान को साल 2011 में फिल्मों में उनके सराहनीय योगदान के लिए भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इरफान खान को साल 2003 में आई फिल्म 'हासिल' में नकारात्मक भूमिका के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट निगेटिव एक्टर का अवार्ड मिला।
फिल्म 'लाइफ इन अ मेट्रो' के लिए इरफान खान को साल 2007 में फिलमेयर के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और साल 2008 में 'आइफा' का बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड मिला था।
साल 2012 में इरफान को फिल्म 'पान सिंह तोमर' के लिए पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें इस फिल्म में अभिनय के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट क्रिटिक अवार्ड भी मिला।
साल 2013 में इरफान खान को फिल्म 'द लंच बॉक्स' के लिए दुबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला।
इरफान को फिल्म 'पीकू' के लिए साल 2016 में मेलबर्न के भारतीय फिल्म महोत्सव में बेस्ट एक्टर के अवार्ड से सम्मानित किया गया।
साल 2018 में फिल्म 'हिंदी मीडियम' के लिए इरफान को इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी की तरफ से बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला।
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बहुमुखी प्रतिभा के धनी इरफान खान का आज न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी से 54 साल की उम्र में निधन हो गया। इरफान ने अपने पूरे फिल्मी करियर में हर तरह के किरदार को निभाया है और उसे अमर भी बनाया है। उन्होंने भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। फिल्म जगत में उनके सराहनीय योगदानों के लिए पूरी फिल्म इंडस्ट्री उनकी ऋणी रहेंगी। उनका निधन फिल्म जगत की अपूरणीय क्षति है। वह अपने पीछे अपनी पत्नी सुतापा और दो बेटों बाबिल और आर्यन को छोड़ गए। उनके निधन से फिल्म जगत के साथ-साथ उनके प्रशंसकों में भी शोक की लहर है।
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