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मस्जिदों को बंद करने के समर्थन में जावेद अख्तर, बोले- हां, मैं फतवे की इस मांग का समर्थन करता हूं क्योंकि मुझे...

नई दिल्ली । दुनिया में इन दिनों कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए सरकार नए-नए तरीके निकाल रही है। वही भारत में 21 दिन का लॉकडाउन जारी है। हर राज्य की सरकार इस लॉकडाउन को सक्सेसफुल बनाने में अपनी पूरी ताकत लगा रही है। इसी बीच हाल ही में निजामुद्दीन में तबलीगी जमात द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम से कम से कम 7,600 भारतीय और 1,300 विदेशी लोगों के जुड़े होने की जानकारी सामने आई है। 

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इस बारे में हाल ही में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने कहा था है कि जब तक कोरोनावायरस संकट है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए फतवा दें। उनके इस बयान पर मशहूर गीतकार जावेद अख्तर की प्रतिक्रिया सामने आयी है। 

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जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा है कि 'हां, मैं फतवे की इस मांग का समर्थन करता हूं, इसलिए नहीं क्योंकि मुझे उनके मार्गदर्शन की जरूरत है। लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर उनका स्पष्ट रुख क्या है। न ज्यादा न कम'। जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। 

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इससे पहले भी अख्तर ने इस संबंध में ट्वीट किया था, "ताहिर महमूद साहब एक विद्वान और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने दारुल उलूम देवबंद से कहा है कि जब तक कोरोना संकट है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए फतवा दें। मैं उनकी मांग का पूरी तरह से समर्थन करता हूं। अगर काबा और मदीना में मस्जिदों को बंद किया जा सकता है तो भारतीय मस्जिदों को क्यों नहीं।" 
 
बताया जा रहा है कि तब्लीगी जमात के मौलाना साद का एक कथित ऑडियो भी सामने आया है। इसमें वह आपत्तिजनक बयान देते हुए सुनाई देते हैं। वह कहते हैं-'मरने के लिए मस्जिद से अच्छी जगह नहीं हो सकती।'

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