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Republic Day: “ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी जो शहीद हुये हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी”

नई दिल्ली । देशभक्ति के गीत जज्बे को आज भी बुलंद करते हैं। यूं तो फिल्म बंधन में कवि प्रदीप के लिखे सभी गीत लोकप्रिय हुये लेकिन “चल चल रे नौजवान” के बोल वाले गीत ने आजादी के दीवानों में एक नया जोश भरने का काम किया। फिल्म ‘किस्मत’ में प्रदीप के लिखे गीत “आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है”, “दूर हटो ए दुनियां वालों हिंदुस्तान हमारा है” जैसे गीतों ने स्वतंत्रता सेनानियों को आजादी की राह पर बढ़ने के लिये प्रेरित किया। यूं तो भारतीय सिनेमा जगत में वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिये अब तक न जाने कितने गीतों की रचना हुयी है लेकिन “ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी जो शहीद हुये हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी” जैसे देश प्रेम की अद्भुत भावना से ओत प्रोत रामचंद्र द्विवेदी उर्फ कवि प्रदीप के इस गीत की बात ही कुछ और है।

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एक कार्यक्रम के दौरान देश भक्ति की भावना से परिपूर्ण इस गीत को सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आंखों मे आंसू छलक आये थे। लता मंगेशकर की आवाज में फिल्माया गया गीत “वंदे मातरम” आज भी दर्शकों और श्रोताओं को अभिभूत कर देता है। मोहम्मद रफी की आवाज में रचा बसा यह गीत “हम लाये हैं तूफान से कश्ती निकाल के” श्रोताओं में देशभक्ति की भावना को जागृत किये रहता है।  

इन गीतों में कुछ हैं “ये देश है वीर जवानों का”, “वतन पे जो फिदा होगा अमर वो नौजवान होगा”, “अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं”, “उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता जिस मुल्क की सरहद की निगाहबान है आंखे” , “आज गा लो मुस्कुरा लो महफिलें सजा लो” , “हिंदुस्तान की कसम ना झुकेंगे सर वतन के नौजवान की कसम”, “मेरे देशप्रेमियों आपस में प्रेम करो देशप्रेमियों” आदि।

यूं तो फिल्म शहीद के सभी गीत सुपरहिट हुये लेकिन “ऐ वतन ऐ वतन” और “मेरा रंग दे बंसती चोला” आज भी श्रोताओं के बीच शिद्दत के साथ सुने जाते हैं। मोहम्मद रफी की आवाज में कैफी आजमी का लिखा यह गीत “कर चले हम फिदा जानों तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों” आज भी श्रोताओं में देशभक्ति के जज्बे को बुलंद करता है।

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देशभक्ति से परिपूर्ण फिल्में बनाने में मनोज कुमार का नाम विशेष तौर पर उल्लेखनीय है। शहीद ,उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति , जय हिंद, द प्राइड जैसी फिल्मों में देशभक्ति की भावना से ओत प्रोत के गीत सुन आज भी श्रोताओं की आंखें नम हो जाती हैं।

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