Responsive Ad

हैवानियत और संकीर्ण मानसिकता पर प्रहार करती है 'मर्दानी 2'

बैनर: यश राज फिल्म्स
स्टोरी, स्क्रीनप्ले, डायलॉग्स, डायरेक्शन: गोपी पुथरन
जोनर: क्राइम थ्रिलर
बैकग्राउंड स्कोर: जॉन स्टीवर्ट एडूरी
सिनेमैटोग्राफी: जिश्नू भट्टाचार्य
एडिटिंग: मोनिषा आर बलदवा
रनटाइम: 105 मिनट
एक्शन डायरेक्टर: विक्रम दहिया
कॉस्ट्यूम डिजाइनर: लीपाक्षी इलावडी
स्टारकास्ट
रानी मुखर्जी, विशाल जेठवा, श्रुति बापना, सुमित निझावन, राजेश शर्मा, ऋचा मीना, दीपिका अमीन, सनी हिंदुजा, तेजस्वी सिंह अहलावत, प्रसन्ना केटकर, प्रतीक राजभट्ट

रानी मुखर्जी अभिनीत फिल्म 'मर्दानी'(2014) का सीक्वल 'मर्दानी 2' बलात्कार और उसके बाद बेरहमी से हत्या जैसे ज्वलंत मुद्दे पर आधारित है। समाज के 'कुरूप चेहरे' को दिखाती रोंगटे खड़े कर देने वाली यह मूवी लैंगिक असमानता और महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीरता से बात करती है।

Rani Mukherjee

स्क्रिप्ट
कहानी कोटा शहर की है, जहां की एसपी शिवानी शिवाजी रॉय (रानी मुखर्जी) है। शातिर, सनकी और बेहद हिंसक मिजाज सनी(विशाल जेठवा) दशहरे मेले के बाहर से लतिका नाम की स्टूडेंट को धोखे से अगवा कर लेता है और उसका रेप कर बेरहमी से हत्या कर देता है। इस हिंसा से स्तब्ध शिवानी केस की तफ्तीश शुरू करती है। वह इस रेपिस्ट और साइको किलर को सलाखों के पीछे पहुंचाने की ठान लेती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह किलर को डेढ़ शाणा बताती है। सनी इसे ईगो पर ले लेता है और वह शिवानी को सबक सिखाने का फैसला करता है। इसके बाद कहानी में कई ट्विस्ट्स आते हैं।

Rani Mukherjee

डायलॉग पंच
'ट्रैफिक जाम से ज्यादा रेप होते हैं हमारे देश में...', 'औरत ही नहीं, पूरे समाज को आत्मविश्लेषण की जरूरत है', 'तुझे इतना मारूंगी कि तेरी त्वचा से तेरी उम्र का पता ही ना लगे' जैसे संवाद कहानी के मिजाज के मुताबिक और जोरदार हैं।

एक्टिंग
स्ट्रॉन्ग पुलिस ऑफिसर की भूमिका में रानी शानदार लगी हैं। उनका अभिनय व संवाद अदायगी असरदार है। विलेन के रूप में विशाल जबरदस्त हैं। जिस उम्दा ढंग से उन्होंने डेब्यू फिल्म में अपने रोल में क्रूरता और सनकीपन का समावेश किया है, वह सराहनीय है। कम उम्र का होने के बावजूद उनका कैरेक्टर स्क्रीन पर एकदम खूंखार लगता है। सपोर्टिंग कास्ट ने अपने हिस्से का काम बखूबी अंजाम दिया है।

Rani Mukherjee

डायरेक्शन
गोपी पुथरन ने डायरेक्शन के साथ राइटिंग का भी जिम्मा संभाला है। उन्होंने ऐसी कहानी गढऩे का प्रयास किया है, जो दर्शकों को सीट से हिलने न दे। स्क्रीनप्ले एंगेजिंग है और फ्रेम दर फ्रेम कहानी में रोमांच बना रहता है। हालांकि कुछ खामियां डिस्टर्ब करती हैं। गोपी का निर्देशन कमाल का है। मूवी में कोई गाना नहीं है, पर बैकग्राउंड स्कोर पेस बनाए रखता है। सिनेमैटोग्राफी साफ-सुथरी है।

क्यों देखें
इस हार्ड हिटिंग क्राइम थ्रिलर को पर्दे पर बढिय़ा तरीके से एग्जीक्यूट किया गया है। फिल्म संदेश देने के साथ ही भीतर तक झकझोर देती है। अगर आप क्राइम थ्रिलर के शौकीन हैं तो 'मर्दानी 2' देखने में जरा भी ना झिझकें।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2PjxF8B
via IFTTT

Post a Comment

0 Comments